Amla MLA controversy: विधायक और स्वयंसेवक में भेद , शाखा की मिट्टी से नहीं, कुर्सी की चाह से खड़े हुए डॉ. पंडागरे!
Amla MLA controversy: Difference between MLA and volunteer, Dr. Pandagare stood up not from the branch's soil but because of the desire for the chair!
Amla MLA controversy: संघ का शताब्दी वर्ष यह वह दौर है जब हर स्वयंसेवक अपने जीवन के वर्षों का तप संघ को समर्पित कर गर्व से तिरंगे और भगवे दोनों के साथ खड़ा है। शाखा की मिट्टी, प्रातः की प्रार्थना, अनुशासन और संगठन के संस्कारों से बने स्वयंसेवक ही संघ की असली रीढ़ हैं।
Amla MLA controversy: फोटो खिंचवाने के लिए “स्वयंसेवक”
लेकिन इसी पावन अवसर पर आमला के विधायक डॉ. पंडागरे अचानक स्वयंसेवकों की पंक्ति में खड़े दिखे न गणवेश, न शाखा की उपस्थिति, न वर्ग का अनुभव, बस फोटो खिंचवाने के लिए “स्वयंसेवक” बन बैठे!
Amla MLA controversy: जिन्होंने न कभी दंड पकड़ा, न प्रार्थना में “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” गाया वे आज संघ के सौ वर्ष के इतिहास में स्वयंसेवकों की जगह लेने चले आए। यह दृश्य उन असली स्वयंसेवकों के लिए चुभन बन गया जिन्होंने वर्षों तक तप, त्याग और अनुशासन से संघ को गढ़ा।
Amla MLA controversy: शाखा में न जाने वाले भी “स्वयंसेवक”
कभी संघ के कार्यकर्ता गली-गली घूमकर एक-एक स्वयंसेवक तैयार करते थे, तब “स्वयंसेवक” शब्द सम्मान का प्रतीक था। मगर अब, जब कुर्सी और कैमरे की राजनीति बढ़ी है, तो शाखा में न जाने वाले भी “स्वयंसेवक” कहलाने लगे हैं।
____________________________
इसी प्रकार की जानकारी और समाचार पाना चाहते हैं तो,हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए “कृपया यहां क्लिक” करे।
साथ ही हमारे इंस्टाग्राम के जुड़ने के लिए यहां “क्लिक करें“