बैतूल

Cooperative Employees Strike: सहकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से जिले की 660 दुकानों में लटके ताले

Cooperative Employees Strike: Due to the indefinite strike of cooperative employees, 660 shops in the district are locked

Cooperative Employees Strike: जिले में सहकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर बड़े पैमाने पर दिखने लगा है। जिले की 660 सहकारी समितियों पर ताले लटक गए हैं और करीब 1000 से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं। इनमें विक्रेता, समिति प्रबंधक, ऑपरेटर और चौकीदार शामिल हैं। कर्मचारी प्रमोशन, मानदेय और प्रबंधकीय अनुदान की राशि की मांग कर रहे हैं, जो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। 

Cooperative Employees Strike

Cooperative Employees Strike: वेतन और प्रमोशन से संबंधित समस्याएं

गौरतलब है कि प्रदेशभर में करीब 55 हजार से अधिक पैक्स कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सहकारी समितियां राज्य सरकार की योजनाओं को लागू करने में अहम भूमिका निभाती हैं। इन समितियों के कर्मचारियों की मेहनत के बावजूद वेतन और प्रमोशन से संबंधित समस्याएं बनी हुई हैं। 2021-22 में सहकारी कर्मचारियों को प्रमोशन देने का आदेश हुआ था। यह आदेश कागजी प्रक्रिया तक ही सीमित रहा। आज तक कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है।

Cooperative Employees Strike: जिला अध्यक्ष अरुण अड़लक का कहना

बैतूल जिला अध्यक्ष अरुण अड़लक ने हड़ताल स्थल पर बताया कि कर्मचारियों को 60 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन देने का वादा किया गया था। यह प्रक्रिया अब तक कागजों तक ही सीमित रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कई प्रमोशन के योग्य कर्मचारी अब उम्र के कारण मापदंडों से बाहर हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महापंचायत का आयोजन किया था। इसमें सहकारी कर्मचारियों के लिए कई वादे किए गए थे। लेकिन अब तक उन वादों को शासन ने गंभीरता से लागू नहीं किया है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या अब तक किए गए वादों का कोई परिणाम नहीं मिलेगा?

Cooperative Employees Strike

Cooperative Employees Strike: सहकारी कर्मचारियों का कहना है कि वे 24 घंटे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं। वे सरकारी योजनाओं का संचालन करते हुए कई बार सराहना भी प्राप्त करते हैं। लेकिन जब उनकी समस्याओं को हल करने की बात आती है, तो सरकार ने कानों में तेल डाल रखा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कोरोना काल में उन्होंने राशन वितरण और अन्य कार्य कठिन परिस्थितियों में किए। इस दौरान कई कर्मचारियों की असमय मृत्यु हो गई।

Cooperative Employees Strike: महासंघ की प्रमुख मांगें

60 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन दिया जाए, जो अब तक कागजों में ही है। विक्रेताओं को 3 हजार रुपए का मानदेय शीघ्र दिया जाए। प्रबंधकीय अनुदान की राशि जल्द प्रदान की जाए। राशन विक्रेताओं के लिए 2 किलो घटती, कलेक्टर दर से वेतन भुगतान किया जाए।

Cooperative Employees Strike

Cooperative Employees Strike: हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने नारे लगाए, हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते.. उनका कहना है कि यह आंदोलन अधिकार के लिए है, न कि भीख के लिए। उनकी लड़ाई तानाशाही के खिलाफ है। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करे।

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Sagar Karkare

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