Betul News : खींचो न कमानों को न तलकर निकालो जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो
‘यथार्थ योद्धा’ को एक लैंडलाइन नंबर से फोन आता है, और सच को ना छापने की हिदायत कुछ इस अंदाज में दी जाती है कि बो धमकी भी लगी और धमकी भी ना लगे। आपको शायद इस बात का इल्म नहीं है कि अखबार और पत्रकारिता ने तख्तो ताज पलट दिए हैं आप किस खेत की मूली हैं।
अब कहानी उस कॉल की जुबानी…..
यथार्थ योद्धा अख़बार के संपादक सागर करकरे को रात 10:47 मिनट पर एक लैंड लाइन से कॉल आता है। जिसमे धमकी देने वाला कहता है कि
पुनीत बोल रहा हूं भाई
संपादक हा जय श्री महाकाल भैया
पुनीत जय श्री महाकाल
पुनीत अरे यार नम्बर ब्लॉक कर दिए हमारा
संपादक नही न भैया कॉल ही नहीं आया आपका मै तो फोन पर बात ही कर रहा हूँ।
पुनीत बिजी बिजी बता रहा था तभी तो दूसरे से लगाया भाई वो राजवीर को वो बात कि लेकिन पानी सिर से ऊपर हो रहा है थोड़ा।
संपादक, हाँ भैया
पुनीत -उसको जो करना है करले बोलना तेको दुश्मनी पालना है न अच्छे से दो बार फोन लगाया ज्यादा हीरो बन रहा है वो
संपादक कुछ बोल रहा है क्या वो आपको
पुनीत– नही नही आ रहा हूँ, कौन अभी यही हूँ मतलब आज भी उसने उल्टा सीधा छापा अब उसको समझा लेना हिंदी में अब जो होगा तू जिम्मेदार
संपादक ठीक है न भैया बोल देता हूँ उसको
पुनीत -अति हो रही भाई हाथ पैर जोड़ के तुम लोग घर के हो इसलिए हाथ पैर जोड़ रहे अब पानी सिर से अब तूने नंबर भी ब्लॉक कर दिया मेरा
संपादक नही भैया मै ईधर बात कर रहा था भाई साहब से
पुनीत -सब समझ रहा है मै को अब तू मत समझा मै को!



