बैतूल

Betul News : तीन पटवारी, एक आरआई और नायब तहसीलदार द्वारा बनाये पंचनामे पर उठ रहे सवाल

Betul News: Questions are being raised on the Panchnama prepared by three Patwaris, one RI and Naib Tehsildar.

  • श्री महावीर देवस्थान हिवरा में चल रही अनावश्यक जांच से शिकायतकर्ताओं में पनप रहा आक्रोश

  • पीएमओ को दस्तावेज के आधार पर भेजी गई पूर्व की जांच में आखिर क्यों की जा रही राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा हेराफेरी

Betul News : तीन पटवारी, एक आरआई और नायब तहसीलदार द्वारा बनाये पंचनामे पर उठ रहे सवाल

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Betul News : (बैतूल)। जिले का एकमात्र देवस्थान जो कि वर्तमान तक माफ़ी औकाफ़ के अन्तर्गत रखे गए श्री महावीर देवस्थान, मां भवानी शंकर मंदिर हिवरा में पीएमओ को दस्तावेज के आधार पर भेजी गई जांच में हेराफेरी क्यों और किसके इशारे पर की जा रही, यह शिकायतकर्ताओं और याचिकाकर्ताओं की समझ से परे नजर आ रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन से सवाल किया है कि राजस्व अधिकारियों द्वारा नया पंचनामा क्यों बनाया गया जिसमें देवस्थान की वास्तविक स्थिति का कहीं कोई उल्लेख नहीं करना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है? अब जिसकी तह तक जाकर कलेक्टर को स्वयं वस्तुस्थिति को संज्ञान में लेना नितांत आवश्यक हो गया है, ऐसा याचिकाकर्ताओं और शिकायतकर्ता ग्रामीणों का अभिमत है।

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देवस्थान के पुरातनकालीन दस्तावेजों के आधार पर पीएमओ को भेजी जांच

पीएमओ को भेजी गई जांच में श्री महावीर देव स्थान की भूमि जिले में अभी तक एकमात्र माफ़ी औकाफ़ के अन्तर्गत दर्ज पाई गई है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि उक्त देवस्थान पुरातन कालीन होकर वर्तमान में स्वयं-भू न्यास की श्रेणी में आता है जिसमें मध्यप्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के 1981 के गजेटियर में भी दर्ज है। जिसमें सूक्ष्मता से हर पहलू की ओर गौर करना नितांत आवश्यक है।

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कलेक्टर ने प्राथमिकता से टाइम लिमिट में लिया, मामला हाईकोर्ट में

श्री महावीर देवस्थान हिवरा के इस पूरे प्रकरण को जिला कलेक्टर ने जैसे ही उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने अविलम्ब इसे प्राथमिकता से टी एल (टाइम लिमिट) में लेकर राजस्व रिकार्ड के अनुसार जांच प्रतिवेदन चाहा था, लेकिन अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा अनावश्यक रूप से दस्तावेज को दरकिनार कर हेराफेरी करके मौका पंचनामा बनाया गया जिस पर शिकायतकर्ताओं ने अपने हस्ताक्षर करने से स्पष्ट मना कर दिया है। वहीं उक्त मामला पुख्ता दस्तावेजों के आधार पर हाईकोर्ट जबलपुर में भी विचाराधीन है।

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Sagar Karkare

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