Betul Suicide Case: मानसिक प्रताड़ना और आर्थिक दबाव ने ली जान, रविंद्र देशमुख आत्महत्या मामले में 10 पर एफआईआर दर्ज
Betul Suicide Case: Mental harassment and financial pressure took his life, FIR lodged against 10 in Ravindra Deshmukh suicide case
Betul Suicide Case: बगडोना क्षेत्र में सोमवार को घटी एक दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। 42 वर्षीय रविंद्र देशमुख, पिता माधोराव देशमुख, अपने घर के बेडरूम में खून से लथपथ हालत में मृत पाए गए। उनके पास ही एक पिस्टल पड़ी मिली, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की। पुलिस को मौके पर पहुंचने के बाद मृतक के कान के ऊपर से खून बहता हुआ मिला, जिससे आत्महत्या की पुष्टि होती नजर आई।

घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी सारणी अरविंद कुमरे और चौकी प्रभारी पाथाखेड़ा वंशज श्रीवास्तव अपनी पुलिस टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस अधीक्षक बैतूल निश्चल झारिया ने फोरेंसिक जांच के आदेश दिए, और फोरेंसिक एक्सपर्ट ऋषिकेश यादव तथा फिंगरप्रिंट प्रभारी निरीक्षक आबिद अंसारी ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और साक्ष्य एकत्र किए।
Betul Suicide Case: सुसाइड नोट ने खोली साजिश की परतें
पुलिस जांच के दौरान मृतक की पैंट की पीछे की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसने इस घटना को एक नई दिशा दी। इस नोट में मृतक रविंद्र देशमुख ने 10 व्यक्तियों को अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इन आरोपियों में रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे, दीपक शिवहरे, प्रमोद गुप्ता, अभिषेक साहू, मो. नसीम रजा, शमीम रजा, नाजिया बानो, करण सूर्यवंशी और भोला सिंह उर्फ रामनारायण सिंह के नाम शामिल हैं।

सुसाइड नोट में मृतक ने विस्तार से लिखा कि उपरोक्त व्यक्तियों ने उसे पैसों के लिए मानसिक प्रताड़ना दी और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को खराब करने की धमकियां दीं। इन सबका सामना करते हुए वह मानसिक रूप से बेहद टूट चुका था, और इसी दबाव के चलते उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
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Betul Suicide Case: मामले में दर्ज हुई FIR
मृतक द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 444/24 धारा 108, 3(5) बी.एन.एस. के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है और जांच जारी है। पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना स्थल पर विशेष जांच दल (एसआईटी) तैनात करने के निर्देश दिए हैं ताकि जांच में कोई भी कसर बाकी न रहे।

Betul Suicide Case: समाज में बढ़ती मानसिक प्रताड़ना की चेतावनी
रविंद्र देशमुख की आत्महत्या केवल एक व्यक्तिगत घटना नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ते मानसिक दबाव और आर्थिक शोषण की गंभीर चेतावनी है। आज के समय में आर्थिक और सामाजिक दबाव किसी को भी हताश और निराशा की ओर धकेल सकता है। यह घटना हमें मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को गंभीरता से समझने की आवश्यकता पर जोर देती है।
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