ट्रेंडिंग

Betul transfer controversy: ट्रांसफर के बाद भी डटे सेवक

Betul transfer controversy: Servants remain firm even after transfer

Betul transfer controversy: जिले में तबादला सूची जारी हुए लगभग तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासनिक आदेशों की खुलेआम अनदेखी अब तहसील दफ्तरों में भी देखने को मिल रही है। 10 जून 2025 को जारी हुई सूची में कई सहायक ग्रेड-3 और भृत्य कर्मचारियों के तबादले किए गए थे। इनमें से भैंसदेही तहसील के कर्मचारी परमू सलामे का स्थानांतरण मुलताई तहसील किया गया था।

Betul transfer controversy

लेकिन हैरानी की बात यह है कि आदेश जारी होने के बावजूद आज तक वह भैंसदेही तहसील कार्यालय में ही जमे बैठे हैं। जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उनका कहना था कि – “मुझे अभी तक तहसीलदार द्वारा रिलीज नहीं किया गया है, जब तक आदेश नहीं मिलेंगे मैं यहीं रहूँगा।”

Betul transfer controversy: तहसीलदार के जवाब ने चौंकाया

वहीं जब तहसीलदार से इस मामले में बातचीत की गई तो उन्होंने भी चौंकाने वाला जवाब दिया- “मेरे नॉलेज में नहीं है, मैं दिखवाता हूँ।”

Betul transfer controversy

Betul transfer controversy: उठ रहे सवाल

यह स्थिति न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है बल्कि यह भी साफ करती है कि तबादले केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गए हैं। सवाल यह भी उठता है कि आखिरकार ऐसा कौन-सा दबाव या संरक्षण है जिसके चलते ट्रांसफर होने के बावजूद कर्मचारी दफ्तर छोड़ने को तैयार नहीं है?

Betul transfer controversy: प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल

अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है और ट्रांसफर आदेशों को लागू कराने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं। अगर ऐसे ही कर्मचारियों की मनमानी चलती रही, तो जिले में अनुशासन और पारदर्शिता दोनों ही सवालों के घेरे में होंगे।

____________________________

इसी प्रकार की जानकारी और समाचार पाना चाहते हैं तो,हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए “कृपया यहां क्लिक” करे।

साथ ही हमारे इंस्टाग्राम के जुड़ने के लिए यहां “क्लिक करें

Sagar Karkare

My Name is Sagar Karkare. I am the Editor of This Web Site,

Related Articles

Back to top button