Betul Today News: आदिवासियों पर बढ़ रहे अत्याचार के विरोध में विश्व आदिवासी दिवस पर नहीं होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, पड़ापेन ठाना रैन बसेरा सदर में आयोजित समीक्षा बैठक में लिया निर्णय
Betul Today News: Cultural programs will not be held on World Tribal Day to protest against the increasing atrocities on tribals, decision taken in the review meeting held at Padapen Thana Rain Basera Sadar
आदिवासियों के संरक्षण और अधिकारों के लिये निकालेंगे विशाल महारैली, जिले के समस्त ब्लॉको में आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचारों के विरोध में सौंपेंगे ज्ञापन
Betul Today News: (बैतूल)। विश्व आदिवासी दिवस की समीक्षा बैठक पड़ापेन ठाना रैन बसेरा सदर में आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए आकास जिला अध्यक्ष शंकर सिंह आहके ने कहा कि मप्र सहित देशभर में आदिवासी समाज पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। इन्हें राेकने के प्रयास नहीं हाे रहे हैं। इसको लेकर संगठन ने फैसला लिया है कि विश्व आदिवासी दिवस पर जिला मुख्यालय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे।उन्होंने कहा कि देश एवं प्रदेश में हमारे आदिवासी भाइयों के साथ अत्याचार हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में आदिवासी दिवस पर उत्साह नहीं होगा।
प्रदेश एवं जिला स्तर पर आदिवासियों के साथ मारपीट, अत्याचार, शोषण, बलात्कार आदि अनेक प्रकार की घटनाओं को देखते हुये आदिवासियों के संरक्षण और अधिकारों के लिये विशाल महारैली निकाली जाएगी। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाने हेतु वैचारिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
महामहिम राष्ट्रपति एवं महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा। इसी प्रकार जिले के समस्त ब्लॉको में आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचारों के विरोध में ज्ञापन सौंपा जाएगा।संगठन ने शासन प्रशासन से मांग की है कि आदिवासियों पर हो रही घटनाओं पर रोक लगे और इसमें लिप्त आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी अंतुलाल मर्सकोले ने की।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके, आकास कार्यकारी जिला अध्यक्ष संजय धुर्वे, वरिष्ठ समाजसेवी कल्लू सिंह उइके, कोरकू कोर कमेटी संरक्षक मन्नूलाल चिल्हाटे, दुर्गा उइके, देवेश्वरी मरकाम, शशि वाड़िवा, आरती कंगाले, सुशीला धुर्वे, एसएस उइके, कृष्णा चौहान, संगीता उइके, सरवन मरकाम, सोहनलाल धुर्वे, बसन्त कवड़े, आनंदराव कवड़े, सुरेश सलामे, रमनलाल कवड़े, सोनू धुर्वे, रविंद काजले, जितेंद्र सिंह इवने, सौरभ सलामे, राजू आहके, बंटी उइके, शंकर सरियाम, रविंद्र उइके, मादु आहके, अरविंद धुर्वे, सुरेश उइके, रवि इवने, मनुलाल धुर्वे, मोहन आहके सहित अन्य सामाजिक बन्धु उपस्थित थे।



