Jal Jeevan Mission : जलजीवन मिशन के विद्युतीकरण के कार्य में फर्जीवाड़ा सोमलापुर की जांच पड़ी ठंडे बस्ते में
Jal Jeevan Mission : Fraud in the work of electrification of Jaljeevan Mission Somlapur investigation kept in cold storage
Jal Jeevan Mission : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना को अधिकारी कैसे पलीता लगा रहे हैं इसका उदाहरण बैतूल में देखने को मिल रहा है। जल जीवन मिशन के विद्युतीकरण के कार्य में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है जिसकी शिकायतें होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जांच ठंडे बस्ते में पड़ी है। मामला आमला विकासखंड के सोमलापुर गांव का है, जहां जल जीवन मिशन के विद्युतीकरण कार्य में हुए फर्जीवाड़े को लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोमलापुर के ग्रामीणों को जल जीवन मिशन के तहत नल के माध्यम से जल उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाई गई थी। आमला विकासखंड के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहायक यंत्री रविशंकर वर्मा के द्वारा इस योजना के तहत कार्य कराया गया। जल जीवन मिशन के विद्युतीकरण के लिए एई पीएचई के नाम से मध्य क्षेत्र विद्युत विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड उत्तर संभाग के द्वारा 26 अप्रैल को वर्क आर्डर जारी किया गया था। जब इसकी शिकायत हुई की वर्क आर्डर जारी होने के पहले ही यहां पर ट्रांसफार्मर लगा दिया गया तब उत्तर संभाग के द्वारा इसकी जांच कराई गई।
जांच में पाया गया कि पीएचई के द्वारा बिना कार्यादेश जारी किए सोमलापुर में 45 दिन पहले ही विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया, यह कार्य मेसर्स दृष्टी इंटरप्राईजेस ए क्लास विद्युत ठेकेदार बनखेड़ी के द्वारा किया गया है। फर्जीवाड़ा उस समय उजागर हुआ जब 1 मई को मेसर्स दृष्टी इंटरप्राईजेस ने बिजली कम्पनी को पत्र लिखा कि उनके द्वारा विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा विद्युतीकरण कार्य में बिजली कम्पनी ने जो जांच की उसमें पाया कि ए-बी स्वीच डीटीआर, फेंसिंग, एलटी व एसटी लग्ज नहीं लगाया गया है एवं गुणवत्ताविहीन कार्य किया गया है। बिजली कम्पनी ने यह पत्र 10 मई 2023 को कार्यपालन यंत्री लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को लिखा था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएचई ने भी इस कार्य की जांच की है और इसमें गड़बड़ी पाए जाने की भी संभावनाएं जताई जा रही है, लेकिन पीएचई विभाग दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। जांच भी ठंडे बस्ते में पड़ी है। चर्चा यह भी है कि इस मामले की पहले भी तत्कालीन कलेक्टर को शिकायत की गई थी लेकिन उन शिकायतों पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब वर्तमान कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी को इस पूरे मामले की शिकायत की जाने वाली है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि सोमलापुर के अलावा आमला विकासखंड में जल जीवन मिशन में किए गए विद्युतीकरण की गंभीरता से जांच की जाए तो और भी फर्जीवाड़े सामने आएंगे।



