Athner News: आठनेर क्षेत्र का तथाकथित अवैध खनन की शिकायत पर तहसीलदार और उनकी टीम कार्यवाही करती है बाकायदा उसका प्रेस नोट भी जारी होता है, जिसमें पोकलेन जप्त होना बताया जाता है। अब पोकलेन गायब है, ऐसे में तहसीलदार की जिम्मेदारी तय होती है लेकिन इनका रवैया पोकलेन को लेकर अभी तक गैर जिम्मेदार ही है।

वही आठनेर थानेदार दबंगई से अपनी बात पर बरकरार है की, ना तो उन्होंने पोकलेन ली ना ही कोई रिसिप्ट दी है। वहीं प्रेस नोट में भी जो कागज सरकारी था उसमें राजस्व के अधिकारियों के ही हस्ताक्षर थे। ऐसे में इस तथाकथित कार्यवाही की टीम के कप्तान तहसीलदार की जिम्मेदारी है कि वह पोकलेन ढूंढ कर लाए।
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Athner News: एसडीएम और कलेक्टर को भी उतरना पड़ सकता है
अगर तहसीलदार पोकलेन नहीं ला पाते हैं तो इस काम के लिए एसडीएम और कलेक्टर को भी उतरना पड़ सकता है, क्योंकि मामला सरकारी है या कार्यवाही झूठी और प्रेस नोट में जारी हुआ दस्तावेज कूट रचित इस तरह तो पूरे अधिकारियों पर ही धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो जाएगा। बेहतर है की एक इंच जमीन खोजने वाला राजस्व विभाग इस भारी भरकम पोकलेन को ढूंढ कर अपनी कार्यवाही को ईमानदारी का नाम दे सके।

Athner News: हमने तो राह चलते ट्रैक्टर पकड़े
राजस्व विभाग के प्रेस नोट और जारी किए लेटर जिसमें पोकलेन जप्ती का उल्लेख है। इस पर आठनेर थाना प्रभारी कहती है कि हमने तो राह चलते ट्रैक्टर पकड़ा जिसमें डेटोनेटर थे। अगर खनन की कार्यवाही होती तो हम खनिज को भी जानकारी देते। राजस्व वालों ने क्या किया हमको कोई जानकारी नहीं है। पोकलेन ना थाने आई ना थाने से गायब हुई। जिन लोगों ने पोकलेन जप्त की है वही बताएंगे कि पोकलेन कहां है। इसके बाद राजस्व की पूरी कार्यवाही पर ही संशय के बादल छा गए हैं।पुलिस की बात में वजन भी नजर आता है जो इमानदारी के साथ राजस्व विभाग के अधिकारियों को पावती दिखाने का दवा करता है।
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