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Betul crime rate: वर्ष 2019 के मुकाबले 2025 में आधे से भी कम हुए बैतूल जिले में अपराध…

Betul crime rate: Crime in Betul district reduced to less than half in 2025 as compared to 2019...

Betul crime rate: अपराध और अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों ना हो, यदि आपके पास बेहतर प्लानिंग, सूचना तंत्र, त्वरित एक्शन का खाका तैयार है तो फिर मान लीजिये कि ना तो अपराध होगा और यदि होगा भी तो अपराधी किसी भी सूरत में बच नहीं सकता। स्मार्ट पुलिसिंग से अपराधों पर कैसे शिकंजा कसा जा सकता है इसका बेहतरीन उदाहरण बैतूल एसपी निश्छल एन झारिया ने पेश किया है। जिलेभर में आउट ऑफ कंट्रोल हो चुके अपराधों को उन्होंने महज कुछ माह में ही काबू कर लिया। अपनी टीम और टीमवर्क को लेकर भी श्री झारिया काफी संतोषजनक दिखाई देते हैं, उन्होंने जिले में युवा और तेजतर्रार थाना प्रभारियों को कमान सौंपकर अपराधों के ग्राफ को कम करने में खासी भूमिका निभाई है, उनकी टीम भी उन्हें पूरा सपोर्ट करते हुए काम करती है।

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Betul crime rate: वर्ष 2019 के मुकाबले तेजी से गिरा वर्ष 2025 में अपराधों का रिकार्ड

साइबर सेल के विशेषज्ञ बैतूल एसपी निश्छल एन झारिया के आने के बाद बेकाबू अपराध पर कंट्रोल करने लिए उन्होंने बाकायदा प्लानिंग की है। आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो वर्ष 2019 में जहां मर्डर के मालमे साल के शुरूआती तीन माह में 10 थे वे 2025 में 13 हो गए ये मर्डर आपसी रंजिश, लेनदेन जैसे संगीन मामलों के थे हालांकि मर्डर के मामले यहां 3 वर्ष 2019 से ज्यादा 2025 में मिले हैं। इध इसी तिथि में हाफ मर्डर जाहं वर्ष 2019 में 8 थे वे वर्ष 2025 में घटकर 5 हो गए। इसी तरह रेप के मामले जो वर्ष 2019 में 24 थे वे वर्ष 2025 में 19 पर आ गए। किडनेपिंग के मामले वर्ष 2019 में 70 थे जो वर्ष 2025 में 55 पर आ गए। इसी तरह लूट के मामलों पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 2019 में 3 मामले थे जो वर्ष 2025 में भी स्थिर रहे। चोरी के मामलों में भी गिरावट आई है। वर्ष 2019 में 55 चोरियां हुई थी वहीं वर्ष 2025 में यह आंकड़ा 43 पर आ गया है। तो इस तरह वर्ष 2025 में देखेें तो वर्ष 2019 के मुकाबले अपराधों का ग्राफ तेजी से नीचे गिरा है और यह सब एक स्मार्ट पुलिसिंग प्लानिंग से ही संभव हो सकता था।

सोशल एक्टिविटी में भी आगे: बैतूल एसपी का साइबर गुरु वाला अंदाज

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Betul crime rate: स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया साइबर अपराध से कैसे बचें

बैतूल। बढ़ते साइबर अपराधों और डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती वारदातों के बीच बैतूल एसपी का नया अंदाज देखने को मिला है। आजकल वे स्कूली बच्चों के बीच जाकर साइबर जागरूकता की पाठशाला लगा रहे है। जिले भर के स्कूलों में जाकर वे रोज स्कूली बच्चों को साइबर ठगी से बचने के लिए इसके तरीके बता रहे है।

Betul crime rate: बैतूल एसपी यहां शिक्षक की भूमिका में नजर आते हैं। स्कूलों में जाकर वे साइबर अपराध से बचाव की दी जानकारी दे रहेहैं। उनके यह पाठ पढ़ाने के अंदाज से छात्र भी इन अपराधों से बचने की बारीकियों को सीख रहे है। कई कक्षाओं में उन्होंने बच्चों को बताया कि किस प्रकार ऑनलाइन ठगी, फिशिंग, फ़ेक ऐप्स, और अन्य साइबर खतरों से बचा जा सकता है। उन्होंने छात्रों को उनके परिवार और आस-पास के लोगों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की अपील की। इस दौरान वे छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी कर रहे है। स्कूलों में वे साइबर अपराध के साथ-साथ नशा मुक्ति के लिए भी बच्चों को जागरूक कर रहे है। एसपी ने नशे से होने वाले शारीरिक, मानसिक और सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए छात्रों से नशे से दूर रहने और अपने आस-पास के लोगों को भी इससे बचने की प्रेरणा देने की अपील की। एसपी ने चलाए कई अभियान एसपी ने जिले भर में सडक़ सुरक्षा, साइबर जागरूकता और नशा मुक्ति अभियान चलाया हुआ है। इसके तहत थानों के पुलिस अधिकारी स्कूलों में जाकर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन की मदद से छात्र-छात्राओं को सडक़ सुरक्षा, साइबर अपराधों, और यातायात नियमों के प्रति जागरूक कर रहे है। इस दौरान जंक्शनों पर वाहन धीमा करने और हाईवे पर सुरक्षित प्रवेश के उपाय बता रहे है।

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Betul crime rate: साइबर एक्सपर्ट हैं निश्चल एन झारिया

बैतूल एसपी निश्चल एन झारिया साइबर अपराधों के एक्सपर्ट रहे हैं। वे तीन साल तक एसपी साइबर भी रहे। उनके भोपाल में पदस्थापना के दौरान प्रदेश का पहला और देश का चौथा साइबर थाना शुरू किया गया था। श्री झारिया ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि उन्होंने भोपाल में रहते हुए खुद पुलिस महानिदेशक से साइबर में पोस्टिंग मांगी थी। इस समय एडीजी अशोक दोहरे एडीजी साइबर थे। उनके साथ उन्होंने लंबे समय सेवा की है। इस दौरान साइबर अपराध पर कई नेशनल लेवल की ट्रेनिंग करने का मौका मिला। 10 साल पहले इनप्रशिक्षणों के दौरान ही उन्हें यह अनुमान हो गया था कि साइबर अपराध भविष्य में खतरनाक रूप ले लेगा। आज हमदेखते है कि इसमें बीते कई सालों में 80 फीसदी की उछाल आई है। वे बताते ही की उस समय भी हमने कईजिलों में ऑनलाइन सिक्यूरिटी अवेयरनेस का अभियान चलाया था।

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Kartik Trivedi

Kartik Trivedi is the Editor in Chief of Yatharth Yoddha Digital Desk and He is also the youngest Publisher and Editor of Medhavi Samachar.

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