BJP Betul News: भैया ऊपर तो जाले साफ ही हैं, नीचे के पट्ठे फैला रहे गंदगी
BJP Betul News: Bhaiya, the cobwebs are clean on the top, the people below are spreading dirt
BJP Betul News: पहली बार प्रभारी मंत्रियों और जिला अध्यक्षों की सीएम हाऊस में हुई ग्रुप मीटिंग में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपने दिमाग के जाले साफ कर लें कि किसी नेता के कहने पर आपको प्रभारी या जिलाध्यक्ष बनाया गया है, बल्कि यह निर्णय सत्ता और संगठन का है… भैया आपकी बात सौ आने सच है, लेकिन आपको भी पता है कि जाले ऊपर तो साफ हैं, गंदगी तो नीचे भरी है वर्ना रही बात नेता के कहने और चहेते को पद पर बिठाने की तो बैतूल में 7 मंडल अध्यक्ष रिपीट नहीं होते।

BJP Betul News: सूत्रों का कहना
सूत्र बताते हैं कि इन सातों का तो नहीं लेकिन कुछ का जरूर पूरी तरह से विरोध था और यह भी हो सकता है कि लिफाफों में उनका नाम भी न हो, बस इसी से साफ हो जाता है कि जाले ऊपरी लेवल पर नहीं बल्कि निचले स्तर पर हैं, कहने का मतलब यह है कि यदि प्रभारी और जिलाध्यक्ष जब संगठन तय कर रहा है तो ज्यादा मगजमारी की बात नहीं है कि मंडल अध्यक्ष भी संगठन ही तय करे। अब आप ही देख लीजिये की कई मंडल अध्यक्ष पार्टी का काम छोडक़र अपनी ठेकेदारी और काम धंधे में मशगूल हैं, नहीं तो पार्टी स्वच्छता रैकिंग ही औंधे मुंह नहीं गिरती।
BJP Betul News: जिलाध्यक्ष और प्रभारी संगठन ही बना रहा है तो मंडल अध्यक्ष क्यों नहीं?
ये जग जाहिर है कि बैतूल जिले में मंडल अध्यक्ष चुनाव में लिफाफे के अंदर का मजमून कुछ जगह बना लिफाफा खोले ही समझा गया है, नहीं तो ये नौबत ही नहीं आती जो फिलहाल शहर बैतूल शहर में बनी हुई है, मंडल अध्यक्षों का रिपीट होना एक तरह से उनका प्रमोशन होने जैसा ही है, लेकिन प्रमोशन तब होता है जब उन्होंने अपने स्तर पर कोई झंडे गाड़े हों, झंडे तो छोडिय़े डंडे भी नहीं उठाए हैं ये सब जानते हैं, लेकिन फिर भी बैतूल में ऐसा ही हुआ।
BJP Betul News: इसका सीधा सा मतलब यह है कि ऊपर जो जा रहे हैं वो जाले साफ करके ही जा रहे हैं, लेकिन जो नीचे हैं उनके जाले और गाले इतने हैं कि जो साफ करने निकलेगा वो भी उन्हीं जाले और गाले का शिकार हो जाएगा। बस यही कारण है कि अब निचले स्तर से ही सत्ता और संगठन को ही पहल करनी होगी तब ही शत प्रतिशत परिणाम वो निकलकर आएगा जो भाजपा का आलाकमान चाहता है, नहीं तो ऐसे में तो गई भैंस पानी में होने वाली स्थिति होना स्वाभाविक है।
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BJP Betul News: बैतूल में सरपंच पतियों की राजनीति भी बहुत तगड़ी है
अभी हाल ही में एक आठनेर क्षेत्र का मामला सामने आया था जिसमें महिला जनपद अध्यक्ष को के खिलाफ रुपए मांगने और जांच में फंसवाने की शिकवा शिकायत हुई थी, लेकिन जो ज्ञापन देने पहुंचे थे सारे के सारे सरपंच पति थे यानी सरपंच नहीं आईं थीं, इससे साफ जाहिर है कि पंचायतों में सरपंच यदि पत्नी है तो पति उनकी सरपंची की शेखी बघार रहे हैं,
ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए नहीं तो उस पद का मतलब ही क्या कि जो पद पर है उसे पता ही नहीं कि क्या हो रहा है और पंचायत चल रही है, इससे तो केवल यही साबित होता है कि केवल पद पाने के लिए पति पूरी ताकत झोंक कर पत्नी को सरपंच बनाया और अब खुद पूरा काम संभाल रहा है।
BJP Betul News: जिले में तो पार्षद पतियों के भी यही हाल हैं
ताज्जुब की बात तो यह है कि जिले की लगभग 4 नगर पालिका और 6 नगर परिषदों में भी अधिकतर महिला की पार्षद हैं और दोनों ही दल की हैं, लेकिन यह बात भी सच है कि कई महिला पार्षद और कई महिला सरपंचों ने पद का प्रमाण पत्र लेने के बाद कभी परिषद या जनपद या जिला पंचायत में जाकर झांका होगा, यानी सब पति परमेश्वर के भरोसे है।

BJP Betul News: ऐसी स्थिति में जाले ऊपर नहीं नीचे के साफ करना जरूरी है और अब इतनी देर हो चुकी है कि नीचे के जाले साफ होना बहुत ही मुश्किल है, ऐसे में सारे निर्णय सत्ता और संगठन अपने हाथ में ले तो ही जनता जर्नादन का उद्धार होगा नहीं तो जिले में तो आदिवासी गर्भवती महिला को पुल नहीं होने पर उफनती नदी से ही बैलगाड़ी के जरिए अस्पताल तक पहुंचना पड़ेगा।
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