Shankaracharya Avimukteshwaranand: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल ने आज एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा की मेजबानी की, जब ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज की अगुवाई में ‘गोप्रतिष्ठा आंदोलन’ के तहत ‘गोध्वज स्थापना भारत यात्रा’ का आयोजन हुआ। इस अवसर पर भोपाल के प्रसिद्ध झरनेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों और धर्मावलंबियों ने शंकराचार्य जी महाराज का भव्य स्वागत किया। शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि के दिन, परिसर में स्थित स्फटिक विग्रह देवी कात्यायनी की विशेष पूजा और आरती सम्पन्न की गई, जिससे भक्तों के बीच अत्यधिक श्रद्धा और उत्साह का माहौल बना।

Shankaracharya Avimukteshwaranand: भोपाल के गोपाल से बड़ी आशाएं
कार्यक्रम के दौरान शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव को विशेष रूप से ‘भोपाल के गोपाल‘ की संज्ञा दी। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे राज्य की गौमाता (रामा) को ‘राज्यमाता‘ का दर्जा देकर सम्मानित करें। शंकराचार्य जी महाराज ने इस आशा को प्रकट किया कि यह कदम मध्यप्रदेश में गौमाता के प्रति सम्मान और संरक्षण की भावना को और मजबूत करेगा।
Shankaracharya Avimukteshwaranand: गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने की मांग
अपने संबोधन में शंकराचार्य जी ने गौमाता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस देश में गौमाता को सर्वोपरि सम्मान दिलाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वजों ने गौहत्या रोकने और गौमाता की प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। आज, जब करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं गौमाता से जुड़ी हैं, ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री को गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की पहल करनी चाहिए।
गोप्रतिष्ठा यात्रा का उद्देश्य भी इसी दिशा में काम करना है, जहां गौमाता को राष्ट्र के स्तर पर सम्मान दिलाया जा सके। शंकराचार्य जी महाराज के नेतृत्व में यह यात्रा देशभर में गौमाता की प्रतिष्ठा के लिए जनजागरण का कार्य कर रही है।
Shankaracharya Avimukteshwaranand: गोध्वज यात्रा: राष्ट्रीय स्तर पर गौ प्रतिष्ठा की पहल
शंकराचार्य जी की ‘गोप्रतिष्ठा यात्रा’ अब अपने 17वें दिन में प्रवेश कर चुकी है, और इस दौरान यह यात्रा 16 राज्यों से होकर गुजरी है। इस यात्रा का उद्देश्य हर राज्य की राजधानी में गोध्वज की स्थापना करना है, जो गौमाता के सम्मान और संरक्षण के प्रतीक के रूप में स्थापित किया जा रहा है। अभी तक 12 राज्यों की राजधानियों में सफलतापूर्वक गोध्वज फहराए जा चुके हैं।
हालांकि, पूर्वोत्तर के 4 राज्यों – मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, और मेघालय में शंकराचार्य जी को यात्रा की अनुमति नहीं दी गई। लेकिन शंकराचार्य जी ने हार नहीं मानी। उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से इन राज्यों की धरती पर गोध्वज फहराकर अपने संकल्प को दोहराया। विशेष रूप से, जब मेघालय में उनके विमान को उतरने की अनुमति नहीं मिली, तो शंकराचार्य जी ने 21000 फुट की ऊंचाई पर विमान में ही गोध्वज फहराया, जो उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और गौमाता के प्रति समर्पण का अद्वितीय उदाहरण है।
Shankaracharya Avimukteshwaranand: महाराष्ट्र में गौमाता बनी ‘राज्यमाता’
हाल ही में, शंकराचार्य जी के आह्वान पर महाराष्ट्र सरकार ने गौमाता को ‘राज्यमाता‘ का दर्जा दिया, जो इस आंदोलन की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। शंकराचार्य जी ने इस मौके पर यह भी कहा कि अन्य राज्यों को भी इस पहल से प्रेरणा लेनी चाहिए और गौमाता के सम्मान और सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

Shankaracharya Avimukteshwaranand: गोध्वज की स्थापना: अभिजित मुहूर्त में विशेष पूजा
भोपाल में झरनेश्वर महादेव मंदिर में शंकराचार्य मठ के परिसर में गोध्वज की स्थापना अभिजित मुहूर्त में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ की गई। इस गोध्वज को मध्यप्रदेश के गांवों और शहरों में गौमाता के प्रति सम्मान और संरक्षण की प्रेरणा का प्रतीक माना जा रहा है।
भोपाल में आयोजित गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के अन्तर्गत आयोजित धर्म सभा में गौ सांसद युवराज मालवीय हुए भी उपस्थित हुए।
इस अवसर पर अनेक धार्मिक और सामाजिक हस्तियां उपस्थित रहीं, जिनमें गो गंगा कृपाकांक्षी गोपालमणि जी महाराज, यात्रा प्रभारी मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, आयोजक श्री महेन्द्रानन्द जी, और अरविंद मिश्र, कृष्णगोपाल पाठक, संदीप व्यास, दीपक गोविंद दुबे, और हरगोविंद पुशश शर्मा शामिल थे। साथ ही महंत सागर महाराज, मधुकर राव देवहरे और विशाल भौरासे भी उपस्थित रहे।
Shankaracharya Avimukteshwaranand: अगली यात्रा: हैदराबाद में गोध्वज प्रतिष्ठा
गोप्रतिष्ठा यात्रा के अगले चरण में, 9 अक्टूबर 2024 को शंकराचार्य जी महाराज हैदराबाद, तेलंगाना में गोध्वज की प्रतिष्ठा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य दक्षिण भारत में भी गौमाता की प्रतिष्ठा और सुरक्षा को लेकर जनजागरण फैलाना है।
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Shankaracharya Avimukteshwaranand: गौमाता की प्रतिष्ठा के लिए राष्ट्रीय आंदोलन
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा चलाया जा रहा यह आंदोलन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय आंदोलन बनता जा रहा है। गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग और विभिन्न राज्यों में गोध्वज की स्थापना के जरिए यह यात्रा समाज में गौमाता के प्रति सम्मान और संरक्षण की भावना को बढ़ावा दे रही है। भोपाल में आयोजित यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक पहल साबित हुआ है, और अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री मोहन यादव पर टिकी हैं, जो इस दिशा में क्या कदम उठाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।
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